Sunday, September 14, 2008

अनाम दोस्ती

आंखों में समाया हुआ

धुंधला सा एक चहरा

चहरे पे एक निश्चल मुस्कान

और हिलते हुए हाथों से प्यार भरी विदाई

जिंदगी के वो हसीं लम्हें

और असमंजस की स्थिति

चहरे पे कुछ खो जाने का सा गम

और खामोशी का ये समाँ

शायद एक अनाम दोस्ती की शुरुआत

जो कभी ख़त्म न हो

और दिल की एक दुआ

तू जहाँ भी रहे

खुशियों का दमन तेरे साथ रहे !

No comments: